नोबेल शांति पुरस्कार क्या है, नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची 2023 (What is Nobel Prize in Hindi)


नोबेल पुरस्कार क्या है, भारत के नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची (Nobel Prize, Indian Nobel Peace Prize winners, Nominees List 2023, History, Physics, Literature, Chemistry in Hindi)

देश हो या विदेश हर जगह कुछ ऐसे विशेष व्यक्ति होते हैं, जो अपने कार्य से लोगों को चौंका देते हैं. फिर चाहे वह समाज सेवा से जुड़ा कोई कार्य हो या साहित्य से जुड़ा कोई भी कार्य हो. ऐसे विशेष व्यक्ति को सम्मान देने के लिए कुछ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार निर्धारित किये गये हैं. उन्हीं में से एक है नोबेल पुरस्कार. इस पुरस्कार की उत्पत्ति कैसे हुई एवं किसके द्वारा हुई. इससे जुड़ी हर तरह की जानकारी हम आप तक पहुंचा रहे हैं, जोकि इस प्रकार है –

नोबेल पुरस्कार क्या है और किसे प्रदान किया जाता है (What is Nobel Prize and Who is it Given)

दुनिया में लाखों पुरस्कार दिए जाते हैं. जोकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत प्रसिद्ध होते हैं. किन्तु दुनिया का सबसे बड़ा पुरस्कार नोबेल पुरस्कार है. यह पुरस्कार दुनिया भर में बेहतर स्थान बनाने में उपलब्धि के शीर्ष के रूप में है. हर साल यह पुरस्कार उन व्यक्तियों या संगठनों को सम्मान देने के लिए प्रदान किया जाता है, जिन्होंने विज्ञान, रसायन, साहित्य, चिकित्सा, अर्थशास्त्र एवं विश्व शांति के लिए महत्वपूर्ण कार्य किये हो.

Nobel Peace Prize

नोबेल पुरस्कार का इतिहास,  शुरुआत कब और किसने की (History of Nobel Prize)

अल्फ्रेड नोबेल जोकि, स्वीडिश के एक बहुत ही प्रसिद्ध उद्योगपति, अविष्कारक और एक अच्छे निर्माता थे. सन 1896 में उनकी मृत्यु हो गई, उन्होंने अपनी इच्छा से अपनी वसीयत एक ट्रस्ट के नाम लिख दी थी. जिसमें आने वाले ब्याज को उन्होंने 6 पुरस्कारों के रूप में स्थापित करने के बारे में उल्लेख किया. ये 6 पुरस्कार रसायन, भौतिकी, जीव विज्ञान / चिकित्सा, साहित्य, अर्थशास्त्र और विश्व शांति के लिए उच्चतम योगदान देने वालों को प्रतिवर्ष प्रदान करने के बारे में कहा गया. हालाँकि वे एक प्रशिक्षित केमिकल इंजीनियर थे, इसलिए उनकी पसंद रसायन और भौतिकी की कैटगरी में थी. किन्तु उन्होंने इस पुरस्कार के लिए 6 श्रेणियां निर्धारित की.

आज हम इस लेख में इन्हीं 6 श्रेणियों में से एक ‘नोबेल शांति पुरस्कार’ के बारे में बात करने जा रहे हैं.

नोबेल शांति पुरस्कार क्या है और यह किसे दिया जाता है (What is Nobel Peace Prize and Who is it Given)

नोबेल शांति पुरस्कार, शांति का प्रतीक है. अतः यह उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने विश्व शांति के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर अपना योगदान दिया हो, एवं राष्ट्रों के बीच बिरादरी के लिए सबसे अधिक या सबसे अच्छा काम किया हो. ऐसे व्यक्ति दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान बना लेते हैं. इन्हें सम्मान देने के लिए ही नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाता है.

नोबेल शांति पुरस्कार का इतिहास (History of Nobel Peace Prize)

नोबेल शांति पुरस्कार की शुरुआत नोबेल की मृत्यु के 5 साल बाद यानि सन 1901 में हुई. पहली बार सन 1901 में यह पुरस्कार उन लोगों के प्रयासों का सम्मान करने के लिए दिया गया था, जो दुनिया में शांति और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत थे. नोबेल शांति पुरस्कार का इतिहास पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है. किन्तु यह पुरस्कार सबसे पहले सन 1901 से सन 1904 तक एट्रियम में, सन 1905 से सन 1946 तक नोर्वेजियन नोबेल इंस्टिट्यूट में और फिर सन 1947 से सन 1989 तक ओस्लो फैकल्टी ऑफ़ लॉ में दिया गया था. इसके बाद सन 1990 से अब तक हर साल ओस्लो सिटी हॉल में नोबेल शांति पुरस्कार समारोह आयोजित किया जा रहा है, और यहीं नोबेल शांति पुरस्कार के विजेताओं को सम्मानित किया जाता है. अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले व्यक्ति का चयन नॉर्वे की संसद द्वारा चुनी गई 5 लोगों की समिति द्वारा किया जाता है. नोर्वेजियन नोबेल समिति के अनुसार नोबेल की मित्रता बर्था वोन सूटनर से थी, जोकि एक शांति कार्यकर्त्ता और बाद में पुरस्कार प्राप्त करने वाले व्यक्तियों में से एक थे. उन्होंने शांति को एक श्रेणी के रूप में शामिल करने के नोबेल के फैसले को प्रभावित किया था.

दूसरी तरफ कुछ नोबेल विद्वानों का कहना है, कि विनाशकारी शक्तियों के विकसित होने से होने वाली क्षति की पूर्ती के लिए विश्व शांति के रूप में नोबेल ने इस पुरस्कार की शुरुआत की थी. उन विद्वानों का यह भी कहना था, कि उनके अविष्कारों में डायनामाइट और बैलेसाईट शामिल थे, दोनों का उपयोग उनके जीवनकाल के दौरान हिंसक रूप से किया गया था. दरअसल सन 1880 के दशक में कुछ युद्ध हुए थे, उस दौरान इनकी काफी अहम भूमिका थी. इसके इतिहास में यह भी स्पष्ट नहीं है, कि नोबेल ने नॉर्वे में इस पुरस्कार को शुरु करने का फैसला क्यों किया, जबकि नोबेल की मृत्यु के समय नॉर्वे स्वीडन के साथ मिलकर शासन कर रहा था. हालाँकि नोर्वेजियन नोबेल समिति का यह अनुमान था, कि नोबेल ने नॉर्वे को पुरस्कार देने के लिए बेहतर जगह इसलिए माना होगा, क्योंकि वहां स्वीडन जैसी सैन्य परम्परा नहीं थी.

अतः इस शांति पुरस्कार के इतिहास के बारे में पूरी तरह से सही जानकारी उल्लेखित नहीं की गई है.

नोर्वेजियन नोबेल कमिटी की स्थापना (Norwegian Nobel Committee)

अल्फ्रेड नोबेल ने घोषणा की, कि नोबेल शांति पुरस्कार को नोर्वेजियन स्टोर्टिंग द्वारा चयनित 5 व्यक्तियों की समिति द्वारा प्रदान किया जायेगा. इसलिए इस समिति की स्थापना करने की जिम्मेदारी अप्रैल सन 1897 में स्टोर्टिंग ने ली और उसी वर्ष के अगस्त में नोर्वेजियन स्टोर्टिंग की नोबेल समिति की स्थापना की गई. तब से इस शांति पुरस्कार को ओस्लो में नोर्वेजियन नोबेल समिति द्वारा सम्मानित किया जाता है, जो नोर्वेजियन संसद के अधिकार के तहत एक संगठन है.

नोबेल फाउंडेशन (Nobel Foundation)

स्वीडन में वित्तीय मामलों को 1900 में नोबेल फाउंडेशन की स्थापना के माध्यम से संतोषजनक रूप से व्यवस्थित किया गया था, ताकि नॉर्वे की नोबेल समिति और अन्य पुरस्कार या पुरस्कृत निकाय अपना काम शुरू कर सकें, और अच्छे तरीके से कर सकें.

पहला नोबेल शांति पुरस्कार (First Nobel Peace Prize)

पहला नोबेल शांति पुरस्कार 1901 में दिया गया था. इस शांति पुरस्कार को उस साल 2 लोगों को प्रदान किया गया था. पहला फ्रेंचमेन फ्रेडेरिक पैसी थे, और दूसरा स्विस जीन हेनरी डूनांट थे. फ्रेंचमेन फ्रेडेरिक पैसी एक फ्रेंच वकील थे, जिन्होंने सन 1889 में पहली फ्रेंच पीस सोसाइटी की स्थापना की थी और वे उसके अध्यक्ष भी रहे थे. एवं स्विस जीन हेनरी डूनांट वे व्यक्ति थे, जिन्होंने सन 1863 में इंटरनेशनल कमिटी ऑफ़ द रेड क्रॉस की स्थापना की थी, और साथ ही युद्ध के दौरान सभी देशों के बीच जेनेवा संधि शुरू करने का प्रस्ताव भी दिया था.

चयन के लिए पात्रता (Criteria For Selection)

नोबेल फाउंडेशन के कानूनों के अनुसार नामांकन को वैध माना जाना आवश्यक है. इस पुरस्कार के लिए नामांकन करने के लिए नामांकन करने वाले व्यक्ति को निम्न कैटगरी के अनुसार योग्य होना होगा.

  • स्वतंत्र राज्यों की राष्ट्रीय सरकारों और राष्ट्रीय सभाओं के सदस्य यानि केन्द्रीय सदस्य या मंत्री और साथ ही साथ राज्यों के वर्तमान में जो प्रमुख हैं, वे इस पुरस्कार के लिए नामांकन करने के लिए योग्य है.
  • इसके अलावा हैग में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के सदस्य और हैग में स्थायी न्यायालय के सदस्य भी इसके लिए योग्य होते हैं.
  • नामांकन करने वाले वे व्यक्ति जो आई”इंस्टिट्यूट डी ड्रोइट इंटरनेशनल के सदस्य हैं, इस पुरस्कार के लिए नामांकन करने के लिए योग्य हैं.
  • इतिहास, सामाजिक विज्ञान, दर्शन, कानून और धर्मशास्त्र के विश्वविध्यालय के प्रोफेसर, विश्वविध्यालय के अध्यक्ष और शांति रिसर्च एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के निदेशक भी इसके लिए नामांकन कर सकते हैं.
  • इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति शांति और स्वतंत्रता के लिए महिला अंतर्राष्ट्रीय लीग के अंतर्राष्ट्रीय बोर्ड की कार्यकारी समिति के सदस्य है तो भी वे इसके लिए पात्र हैं.
  • संगठनों के सदस्यों सहित पूर्व प्राप्तकर्ता जो पहले पुरस्कार प्राप्त कर चुके है, उन्हें भी इसके लिए नामांकन करने की अनुमति है.
  • यहाँ तक कि नोर्वेजियन नोबेल समिति के वर्तमान और अतीत के सदस्य और साथ ही नोर्वेजियन नोबेल संसथान के पूर्व स्थायी सलाहकार भी इसके लिए योग्य है.

नामांकन एवं विजेताओं के चयन की प्रक्रिया (Process of Nomination and Selection)

नोबेल पुरस्कार के सभी श्रेणियों के नामांकन एवं विजेताओं के लिए चयन प्रक्रिया लगभग समान ही है. यहाँ हम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन एवं विजेताओं के चयन की प्रक्रिया के बारे में बता रहे हैं. नोर्वेजियन संसद, नोर्वेजियन नोबेल समिति का गठन करती है. इसके बाद इस समिति के द्वारा नोबेल शांति पुरस्कार विजेता का चयन किया जाता है. नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन किसी भी व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है, जोकि नामांकन के लिए योग्य है. यह कैसे होता है इसकी प्रक्रिया का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है –

  • सितंबर :- सितंबर में नोर्वेजियन नोबेल समिति नामांकन प्राप्त करने के लिए तैयार होती है. ये नामांकन राष्ट्रीय विधानसभाओं, सरकारों और कानून के अंतर्राष्ट्रीय न्यायालयों के सदस्यों द्वारा प्रस्तुत किये जाते हैं. इसके लिए योग्य व्यक्ति या संगठन को ही नामांकन करने की अनुमति मिलती है.
  • फरवरी :- फिर फरवरी में नामांकन जमा करने की आखिरी अवधि होती है. नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त करने के लिए अंतिम तारीख फरवरी की पहली तारीख है. इस तारीख से पहले नामांकन भेजने पर आपका नामांकन ओस्लो में नोर्वेजियन नोबेल समिति को भेजा जाता है. यदि इस तिथि के बाद नामांकन प्राप्त किये जाते हैं तो वह अगले वर्ष की चर्चाओं में शामिल होते हैं. हाल के वर्षों में समिति को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए लगभग 300 के करीब नामांकन प्राप्त हुए हैं.
  • फरवरी – मार्च :- फरवरी से मार्च के महीने में प्राप्त सभी योग्य नामांकनों पर चर्चा होने के बाद सबसे दिलचस्प और योग्य उम्मीदवारों की एक शोर्ट लिस्ट तैयार’ की जाती है. समिति के सभी स्थायी सलाहकारों द्वारा अन्य नोर्वेजियन या अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ मिलकर उम्मीदवारों के काम का आकलन किया जाता है, और एक और सूची तैयार की जाती है.
  • मार्च से अगस्त में :- इस समय में सलाहकार द्वारा शोर्टलिस्ट किये गये नामांकन की समीक्षा की जाती है.
  • अक्टूबर :- फिर अक्टूबर में नोबेल पुरस्कार विजेता चुने जाते हैं. एक नियम के अनुसार अक्टूबर की शुरूआत में, नोबेल समिति अपनी अंतिम बैठक में सर्वसम्मति से नोबेल शांति पुरस्कार विजेता का चयन करती है. किन्तु यदि समिति के बीच सहमति नहीं बनती है तब बहुमत के माध्यम से विजेता का चयन किया जाता है. फिर यह निर्णय अंतिम निर्णय होता है जोकि बिना किसी अपील के होता है. तब जाकर नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त करने वाले विजेता का नाम घोषित किया जाता है.
  • दिसम्बर :- साल के अंत में यानि दिसम्बर में नोबेल पुरस्कार विजेताओं को उनका पुरस्कार मिलता है. नोबेल शांति पुरस्कार समारोह 10 दिसंबर को ओस्लो जोकि नॉर्वे में स्थित है आयोजित किया जाता है. 10 दिसम्बर को अल्फ्रेड नोबेल की मृत्युतिथि होती है. वहां नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं को उनका नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया जाता है. यह पुरस्कार स्टॉकहोम में प्रस्तुत किया जाने वाला एक मात्र नोबेल पुरस्कार है. इस नोबेल शांति पुरस्कार में उन्हें एक नोबेल पदक और डिप्लोमा दिया जाता है. और एक दस्तावेज दिया जाता है जोकि पुरस्कार की राशि को दर्शाता है. सन 2013 में पुरस्कार की राशि 10 मिलियन यूएस डॉलर थी.

50 साल का गोपनीयता का नियम (50 Year Secrecy Rule)

नोबेल फाउंडेशन के कानून के तहत समिति को उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करने पर पाबंदी लगाई गई है. वे न तो मीडिया और न ही उम्मीदवार के सामने इसकी घोषणा कर सकते हैं. और यह पाबंदी कम से कम 50 वर्षों के लिए लगाई गई है. इस बीच सार्वजनिक रूप में या निजी रूप में हो किसी भी तरह से नामों को लीक नहीं किया जा सकता है. ऐसा नामांकनों और नामांकन करने वाले लोगों की सुरक्षा और साथ ही पुरस्कार से संबन्धित जाँच एवं राय के लिये किया गया है.

नामांकन जमा करने के बारे में जानकारी (Nominations Submission Detail)  

नामांकन कहाँ जमा करना है और उसकी आखिरी समय सीमा क्या है एवं इसकी पुष्टि के बारे में जानकारी इस प्रकार है –

  • नामांकन कहां जमा करना है ? :- नोर्वेजियन नोबेल समिति ने एक ऑन – लाइन नामांकन फॉर्म लांच किया है, जिसका उपयोग आप कर सकते हैं यदि आप एक योग्य नामांकनकर्ता है तो. फॉर्म को सितंबर से फरवरी के बीच नोर्वेजियन नोबेल समिति की वेबसाइट में डाल दिया जाता है.
  • नामांकन की समय सीमा :- नामांकन की समय सीमा 31 जनवरी की रात 12 बजे तक है. नामांकन करने वाले व्यक्ति यदि समय सीमा के अंदर नामांकन नहीं करते हैं. तो वे आम तौर पर अगले वर्ष के मूल्यांकन में शामिल होते है. हालाँकि नोबेल समिति के सदस्य को समय सीमा समाप्त होने के बाद समिति की पहली बैठक में अपने स्वयं के नामांकन प्रस्तुत करने का अधिकार होता है.
  • नामांकन प्रस्तुत करने की पुष्टि :- जमा किये गए नामांकन की प्राप्ति और वैधता की पुष्टि करने वाला एक पत्र या ई – मेल आम तौर पर जमा करने की समय सीमा के कुछ महीनों के अंदर निकाला जा सकता है.

नोबेल शांति पुरस्कार 2020 के नामांकित व्यक्ति (Nobel Peace Prize Nominees )

साल 2020 के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित उम्मीदवारों की सूची आउट कर दी गई हैं. इसमें 317 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं, जिनमें से 210 व्यक्ति हैं और 107 संगठन हैं. यह 317 उम्मीदवारों की चौथी सबसे बड़ी संख्या है, इससे पहले 376 उम्मीदवारों का वर्तमान रिकॉर्ड 2016 में पहुँच गया था. इसमें शामिल होने वाले कुछ प्रसिद्ध व्यक्ति एवं संगठन के नाम इस प्रकार हैं –

  • ग्रेटा थनबर्ग :- इस साल नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित उम्मीदवारों की सूची में जो सबसे लोकप्रिय नाम सामने आया हैं वह हैं ग्रेटा थनबर्ग का. जोकि केवल 17 साल की एक लड़की हैं, और उनके विचारों ने पूरी दुनिया के लोगों को उनके साथ जुड़ने के लिए मजबूर कर दिया है. उनके विचार प्रकृति से जुड़े हुए होते थे. उन्होंने पूरे विश्व में जलवायु परिवर्तन के लिए कार्यवाही की जायें, ऐसी मांग अपनी सरकार के सामने रखी. उनके खिलाफ ग्रेटा ने स्ट्राइक भी की. वे हर शुक्रवार को अपने स्कूल से पार्लियामेंट के बाहर जाकर बैठ जाती थी. और वहां जाकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करती थी. इसके अलावा भी ग्रेटा ने काफी सारे प्रकृति के संबंधित मुद्दे को उठाकर लोगों का ध्यान प्रकृति की सुरक्षा की ओर आकर्षित किया. जिसकी वजह से ही आज उनका नाम दुनिया के सबसे बड़े पुरस्कार नोबेल शांति पुरस्कार में नामांकित हुआ है. आपको बता दें कि ग्रेटा का नाम इससे पहले भी साल 2018 में नोबेल शांति पुरस्कार के लिए दिया जा चूका है.  
  • लौजेन अल – हथलौल :- यह सऊदी अरब की एक महिला हैं जिन्हें महिलाओं और पुरुष अभिभावकों के लिए ड्राइविंग प्रतिबंध के खिलाफ अभियान चलाने के लिए जाना जाता है. वे साल 2014 में प्रसिद्ध हुई जब उन्होंने सऊदी अरब से कार द्वारा संयुक्त अरब अमीरात में प्रवेश करने का प्रयास किया था. पिछले साल अन्य महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के साथ एक व्यापक कार्यवाही के दौरान इन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया था. और उन्हें वहां काफी प्रताड़ित किया गया. लेकिन फिर एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सऊदी की सरकार से कहा कि ‘उसे तुरंत रिहा किया जाये’ क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है वे एक शांतिपूर्वक कार्य करने वाली महिला हैं. इसके बाद अब इस साल इनका नाम नोबेल शांति पुरस्कार के नामांकित व्यक्तियों की सूची में शामिल किया गया है.  
  • होंगकोंग के लोग :- नॉर्वे के एक राजनेता ने इस साल 2020 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए ‘होंगकोंग के लोगों’ को नामित किया है. उनका कहना है कि होंगकोंग के लोग भाषण और बुनियादी लोकतंत्र की स्वतंत्रता के लिए हर दिन अपनी जान जोखिम में डालते हैं. इसके साथ ही वे जो भी करते हैं वह होंगकोंग के साथ ही दुनिया के बाकि हिस्सों में भी प्रभाव डालता है. इसलिए एक संगठन के रूप में ‘होंगकोंग के लोगों’ का नाम इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है.

अब तक केवल इतने ही नाम सामने आये हैं जैसे ही इसकी पूरी सूची संबंधित समिति के द्वारा घोषित की जाएगी. हम आपको इस लेख के माध्यम से अपडेट कर देंगे.

साल 2019 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता (Nobel Peace Prize 2019 Winner) 

साल 2019 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता की बात करें, तो आपको बता दें कि पिछले साल यह पुरस्कार ‘इथोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली जी’ को दिया गया था. उन्हें यह पुरस्कार शांति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्राप्त करने के उनके प्रयासों के लिए दिया गया था, जिन्होंने विशेष रूप से अपने पड़ोसी एरिट्रिया के साथ सीमा संघर्ष को शांतिपूर्वक हल किया था, इसके लिए उन्होंने जो निर्णायक पहल की थी उसी के आधार पर उन्हें यह पुरस्कार दिया गया है.

नोबेल शांति पुरस्कार के बारे में रोचक जानकारी (Interesting Facts of Nobel Peace Prize)

  • अब तक दुनिया में 99 नोबेल शांति पुरस्कार दिए जा चुके हैं. जिनमें से व्यक्तिगत रूप में 67, दो लोगों को साथ में 30 एवं 3 लोगों को साथ में 2 नोबेल शांति पुरस्कार दिये गये हैं.
  • इंटरनेशनल कमिटी ऑफ़ द रेड क्रॉस ने सन 1917, 1944 और 1963 में यानि 3 बार नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त किया है.
  • इसके अलावा शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के हाई कमिश्नर के कार्यालय को सन 1954 और सन 1981 में यानि 2 बार नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया है.   

भारत में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची (Indian Winners List of Nobel Prize)

सन 1901 से ले कर अब तक यानि सन 2018 तक कुल 590 नोबेल पुरस्कार प्रदान किये जा चुके हैं. भारत में अब तक जिन – जिन सख्सियत को नोबेल पुरस्कार प्राप्त हो चूके है. उसके बारे में जानकारी इस प्रकार है –

  • रविन्द्र नाथ टैगोर :रवीन्द्रनाथ टैगोर जी हमारे देश के राष्ट्रीय गान रचियता है, जोकि एक साहित्यकार थे. इन्हें साहित्य में ‘उनकी गहरी संवेदनशील ताज़ा और सुंदर कविता’ के लिए सन 1913 में नोबेल पुरस्कार दिया गया था. ये नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले भारत के पहले व्यक्ति थे. रवीन्द्रनाथ टैगोर जी ‘गीतांजलि’ के लेखक भी थे. इन्होंने न केवल भारत का राष्ट्रगान लिखा, बल्कि ये बांग्लादेश के राष्ट्रगान के भी रचियता हैं.
  • सीवी रमन :- सी वी रमन नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले भारत के दूसरे व्यक्ति थे. इनका पूरा नाम सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन है. इन्हें सन 1930 में भौतिकी यानि विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था. इन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में महान कार्य किये थे, जैसे मील का पत्थर, प्रकाश की किरणों में वेवलेंथ में परिवर्तन की घटना की खोज आदि.
  • मदर टेरेसा :- भारत में पहला नोबेल शांति पुरस्कार सन 1979 में मदर टेरेसा जी को प्रदान किया गया था. मदर टेरेसा मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी की संस्थापक थी. ये ऐसी समाज सेविका थी, जिन्होंने दूसरों के लिए अपना पूरा जीवन व्यतीत कर दिया था. वे अपने जीवन काल में केवल गरीबों एवं बेसहारा लोगों की मदद के लिए कार्य किया करती थी.
  • अमर्त्य सेन :- अमर्त्य सेन जी का नाम भी भारत के नोबेल पुरस्कार विजेता की सूची में शामिल है. इन्होंने अर्थशास्त्र के क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया था, जिसके चलते इन्हें सन 1998 में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था. इनके कई सारे महत्वपूर्ण कार्यों के चलते ये दुनिया में लोकप्रिय व्यक्तित्व बन गए और इन्हें बहुत सारे पुरस्कार भी मिले.
  • कैलाश सत्यार्थी :- साल 2014 में 2 लोगों को नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया था. जिनमें से एक भारत के कैलाश सत्यार्थी हैं, जिन्होंने बच्चों और युवाओं के दमन के खिलाफ संघर्ष किया और साथ ही सभी बच्चों के अधिकार एवं शिक्षा के लिए कार्य किये थे. इसके अलावा दूसरा शांति पुरस्कार मालाला यौसफ्जई को मिला था, ये पाकिस्तान मूल की पहली सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार जीतने वाली महिला बनी. इन्होंने भी बच्चों के अधिकारों के लिए कई कार्य किये थे.

भारत में जन्म लेने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता (Nobel Prize Winners in India)

  • हर गोविंद खुराना :- हर गोविंद खुराना जी ऐसी सख्सियत है जिनका जन्म भारत में हुआ था, लेकिन बाद में वे अमेरिका में रहने लगे थे. इन्हें सन 1968 में फिजियोलॉजी या चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था. यह पुरस्कर इन्हें 2 अन्य लोगों के साथ मिलकर दिया गया था. इन्होंने रसायन के क्षेत्र में कार्य किये थे. गोविंद जी ने न्यूक्लिक एसिड में ऑर्डर ऑफ़ न्यूक्लियोटाइड पर काम किया था.
  • सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर :- सुब्रह्मण्यन जी का जन्म भी भारत में हुआ था, लेकिन ये भी बाद में नौकरी के दौरान अमेरिका चले गये. ये भारत के दूसरे नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले सीवी चंद्रशेखर रमन के भतीजे थे. इन्हें सन 1983 में भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था.
  • वेंकटरमन रामकृष्णन :- वेंकटरमन जी भारतीय मूल के अमेरिका में रहने वाले तीसरे ऐसे व्यक्ति थे, जिन्हें नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था. जी हाँ सन 2009 में रसायन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए रामकृष्णन जी को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

भारत से संबंध रखने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता (Nobel Prize Winners Related to India)

  • टेनजिन ज्ञात्सो :- भारत में दूसरा नोबेल शांति पुरस्कार सन 1989 में टेनजिन ज्ञात्सो को प्रदान किया गया था. ये 14 वें दलाई लामा थे, तिब्बत की मुक्ति के लिए अपने संघर्ष में उन्होंने हमेशा हिंसा के उपयोग का विरोध किया था. इनका जन्म भारत में नहीं हुआ था, लेकिन इन्होंने भारतीय लोगों के लिए कई सारे कार्य किये थे. उन्होंने अपने लोगों की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित करने के लिए आपसी सम्मान के आधार पर शांतिपूर्ण तरीके से समाधान किया था.
  • रोनाल्ड रोस :- सर रोनाल्ड रोस ऐसे व्यक्ति थे, जिनका जन्म ब्रिटिश भारत में हुआ था, लेकिन ये एक ब्रिटिशर थे. इन्होंने भारत में चिकित्सा के क्षेत्र में 25 साल तक कार्य किया था. रोनाल्ड ने भारत में मलेरिया की बीमारी की खोज और उसे निपटने के उपाय के बारे में खोज की थी. इसलिए इन्हें सन 1902 में चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार का सम्मान दिया गया.
  • रूडयार्ड किपलिंग :- रूडयार्ड किपलिंग एक ऐसी सख्शियत थे, जिनका जन्म ब्रिटिश भारत के बॉम्बे प्रेसीडेंसी में हुआ था. उन्हें भारत के लोगों के प्रति बहुत सद्भावना थी. ये एक प्रसिद्ध लेखक थे. इन्होंने भारत में रहकर कई किताबें लिखीं, जिसके चलते इन्हें सन 1907 में सहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला.
  • वी एस नायपोल :- वी एस नायपोल एक भारतीय व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे. जोकि एक साहित्यकार भी थे. इन्होंने बहुत सारी पुस्तकें लिखी थीं. इन्होंने भी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया था, इसका सम्मान देने के लिए साहित्य के क्षेत्र में उन्हें सन 2001 में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया.

इस तरह से नोबेल पुरस्कार हर साल योग्य उम्मीदवारों को प्रदान किया जाता है. इस साल 2020 में किसे कौन ही श्रेणी में नोबेल पुरस्कार प्राप्त होता है यह देखना बहुत दिलचस्प होगा.

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता 2021 (Nobel Peace Prize Winner 2021)

नोबेल शांति पुरस्कार 2021 के लिए कई लोगों को नॉमिनेट किया गया। जिसमें मारिया रेसा और दिमित्री नाम शामिल था। जिसके बाद इन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आपको बता दें कि, ये पुरस्कार इन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए दिया गया। बता दें कि, उस साल कुल 329 उम्मीदवार लाइन में बने हुए थे। इसी के साथ पुरस्कार जीतने वालों को 1.1 मिलियन डॉलर भी दिए गए थे।

नोबेल शांति पुरस्कार 2022 (Nobel Peace Prize Winner 2022)

इस साल नोबेल शांति पुरस्कार 2022 के लिए 343 लोगों को नॉमिनेट किया गया है। जिनमें से 251 व्यक्तिगत नाम हैं और 92 संस्थाएं शामिल हैं। जैसे- मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की, रूसी मानवाधिकार संगठन और यूक्रेन के मानवाधिकार संगठन, ‘निएंडरथल डीएनए’, एलेन एस्पेक्ट, जॉन क्लाउसर और ज़ीलिंगर एंटोन, कैरोलिन आर बर्टोज्जी, मोर्टन मेल्डल और के. बैरी शार्पलेस आदि। हैं। आपको बता दें कि, ये दूसरी बार हो रहा है कि, बड़ी संख्या में ये पुरस्कार लोगों को दिया जा रहा है। इससे पहले साल 2016 में 376 लोगों के नाम नामित किए गए थे।

नोबेल शांति पुरस्कार 2023 (Nobel Peace Prize Winner 2023)

इस साल के नॉबेल शांति पुरस्कार के लिए कुल नॉमिनेशन की बात करें तो इस साल 305 लोगों ने नामांकन किया है. जिसमे से 212 एकल हैं और 93 संगठन हैं. इसकी डेडलाइन 1 फरवरी थी. अब इसमें चयन किया जायेगा. और अक्टूबर के महीने में हमें विश्व सर्वश्रेष्ठ शांति पुरस्कार प्रति करने वाले विजेता का मिल जायेंगे. तब तक आपको इंतेजार करना होगा.

FAQ

Q : नॉबेल पुरस्कार क्या है?

Ans : विश्व स्तर पर प्रदान किया जाने वाला पुरस्कार हैं.

Q : नॉबेल पुरस्कार के अंदर कितने पुरस्कार आते हैं?

Ans : लगभग 6

Q : नॉबेल शांति पुरस्कार किसे दिया जाता है?

Ans : विश्व स्तर पर शांति के लिए किये गये महत्वपूर्ण कार्य के लिए दिया जाता है.

Q : नॉबेल शांति पुरस्कार 2022 में किसे मिला?

Ans : एलेस बियालियात्स्की

Q : नॉबेल शांति पुरस्कार 2021 में किसे मिला?

Ans : डीमिट्री मुराटोव, मारिया रेस्सा

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