Mukhtar Ansari Latest News: मुख्तार अंसारी जेल में हुई मौत, जानिए माफिया से राजनीति तक की कहानी, जो हर किसी को हैरान कर देगी


Mukhtar Ansari Death News, Biography, Mafia, Death, Age, Kon hai Daughter, Cases, Wife, Son, Latest News (माफिया मुख़्तार अंसारी) (जीवन परिचय, मौत, न्यूज़, माफिया, उम्र, जीवनी, कुल संपत्ति, परिवार, पत्नी)

मुख्तार अंसारी, जो आतंक के एक अध्याय का चेहरा थे, पांच बार विधायक बने और अंततः चार दशकों के बाद पुलिस ने उन्हें सजा दिलवाई। जेल में बिताए उनके समय से लेकर राजनीति में उनके कदम तक का सफर चर्चित रहा। मुख्तार अंसारी की मौत की खबर  बताती हैं कि राज्य के नामी माफिया के खिलाफ कार्रवाई शुरू होने के बाद ही वह कमजोर हुआ। चालीस वर्षों के लंबे समय के बाद, 21 सितंबर 2022 को उसे पहली बार सजा सुनाई गई। इसके बाद के डेढ़ साल में, उसे आठ मामलों में लगातार सजाएं सुनाई गईं। बांदा में उसकी मृत्यु के बाद, अनेक रहस्य अनसुलझे  रह गए।

Mukhtar Ansari Latest News मुख्तार अंसारी जेल में हुई मौत
Mukhtar Ansari Latest News: मुख्तार अंसारी जेल में हुई मौत, जानिए माफिया से राजनीति तक की कहानी, जो हर किसी को हैरान कर देगी

Mukhtar Ansari Biography

जानकारी विवरण
पूरा नाम मुख्तार अंसारी
जन्म तिथि 30 जून 1963
जन्म स्थान गाजीपुर, उत्तर प्रदेश
व्यवसाय राजनीतिज्ञ, माफिया
राजनीतिक करियर 5 बार विधायक
उचाई 6 फीट 2 इंच
अपराधिक मामले देश के 3 राज्यों में 65 मुकदमे दर्ज
सजा 8 मामलों में सजा हो चुकी है
जेल में समय 19 साल से अधिक
परिवारिक पृष्ठभूमि पिता: सुब्हानउल्लाह अंसारी (वामपंथी नेता), दादा: डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी (स्वतंत्रता सेनानी), नाना: ब्रिगेडियर उस्मान (महावीर चक्र से सम्मानित), चाचा: हामिद अंसारी (पूर्व उप-राष्ट्रपति)
कुख्यात उपनाम पूर्वांचल का बाहुबली, माफिया डॉन

Mukhtar Ansari Latest News

अपराध जगत को अपने प्रभाव में लेकर राजनीतिक क्षेत्रों में कदम रखने वाले माफिया मुख्तार अंसारी के निधन के साथ ही, आतंक के एक ‘चैप्टर’ का समापन हुआ। अपराध के रणक्षेत्र से शुरू होकर कानून की बारीकियों के ज्ञाता मुख्तार ने चार दशक तक पुलिस के सामने ऐसी पहेली बनाए रखी, जिसे सुलझाने में कोई गवाह या प्रमाण उसे सज़ा दिला पाने में सफल नहीं हो सका।

मुख्तार अंसारी: विधायक से माफिया डॉन तक

6 फीट 2 इंच लंबे मुख्तार अंसारी की पहचान पूर्वांचल के एक प्रभावशाली बाहुबली और माफिया डॉन के रूप में रही है। उन्होंने पांच बार विधायक के रूप में सेवा की है और तीन राज्यों में उन पर 65 मामले दर्ज हैं, जिनमें से आठ में उन्हें सजा मिल चुकी है। 19 साल से जेल में बंद रहने के बावजूद, यूपी में माफियागिरी का प्रतिमान अभी भी मुख्तार के नाम से ही जाना जाता है। चाहे वह जेल में हो या बाहर, माफिया की दुनिया में उनका प्रभुत्व बना रहा। जहां भी मुख्तार होते, वहीं से उनके अपराधिक साम्राज्य की धुरी चलती थी।

कौन था मुख़्तार अंसारी : जीवन परिचय और अपराधिक सफर

मुख्तार अंसारी का जन्म 30 जून 1963 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में हुआ। उनके पिता सुब्हानउल्लाह अंसारी, जो वामपंथी विचारधारा के नेता थे, ने 1971 में नगर पालिका चुनाव में बिना किसी विरोध के जीत हासिल की। मुख्तार के दादा, डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी, स्वतंत्रता सेनानी थे और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे थे।

मुख्तार अंसारी का जन्म 20 जून 1963 को मुहम्मदाबाद नगर पालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन सुबहानुल्लाह अंसारी के घर में तीसरे पुत्र के रूप में हुआ था। मुख्तार की पारिवारिक विरासत गौरवशाली थी; उनके दादा मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और 1926-27 में भारतीय नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। उनके नाना बिग्रेडियर उस्मान, सेना में अपनी वीरता के लिए महावीर चक्र से सम्मानित थे ।

मुख्तार एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर थे जो 1980 के दशक में साधु-मकनू गिरोह से जुड़ गए और अपराध जगत में अपने गुरुओं के नक्शे कदम पर चलकर धीरे-धीरे अपना माफिया साम्राज्य खड़ा किया। 1997 में, मुख्तार का नाम अंतरराज्यीय अपराधी के रूप में पुलिस डोजियर में शामिल किया गया। 25 अक्टूबर 2005 को उन्हें जेल भेजा गया और तब से वह बाहर नहीं आ पाए। उन्होंने 1996 से 2022 तक मऊ सदर विधानसभा से पांच बार विधायक के रूप में सेवा की।

मुख्तार अंसारी: जेल से राजनीति की चालें

कारागार की बेड़ियों में बंद होकर भी मुख्तार अंसारी ने राजनीतिक दलों को अपने फायदे के लिए उपयोग किया। अपने प्रभाव और ताकत का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने कई कमजोर उम्मीदवारों की जीत को सुनिश्चित किया और स्वयं भी प्रतिष्ठित पद पर आसीन हुए। अपने और अपने परिवार के लिए राजनीतिक मैदान बनाने के लिए मुख्तार ने कई चालें चलीं। उन्होंने 1996 में बहुजन समाज पार्टी का साथ पकड़ कर पहली बार विधानसभा की सीट हासिल की और बाद में समाजवादी पार्टी का भी अपने लाभ के लिए उपयोग किया।

मुख्तार अंसारी: निर्दलीय से राजनीतिक यात्रा

मुख्तार अंसारी ने निर्दलीय के रूप में दो बार विधानसभा चुनावों में विजय हासिल की। जब सपा और बसपा से संबंध टूटे, तो उन्होंने अपनी पार्टी ‘कौमी एकता दल’ का निर्माण किया। मुख्तार पांच बार विधानसभा के सदस्य बने और 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर वाराणसी सीट से चुनाव लड़ा, परंतु वह इसमें असफल रहे।

अंतिम बार मुख्तार ने 2017 में बसपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीता। उन्होंने अपने बाहुबल का इस्तेमाल कर अपने बड़े भाई अफजाल अंसारी को संसद में पहुंचाया और बड़े बेटे अब्बास अंसारी को भी विधायक के पद पर स्थापित किया।

मुख्तार अंसारी: न्यायिक प्रक्रिया में दांवपेंच

मुख्तार अंसारी के खिलाफ पहला हत्या का मामला 1986 में दर्ज किया गया था, उस समय उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता थी। उस दौरान मुख्तार को कांग्रेस नेताओं का भी समर्थन प्राप्त था। समय के साथ प्रदेश में सत्ताएँ बदलती रहीं, लेकिन मुख्तार के खिलाफ कोई भी सरकार कारवाई करने की पूर्ण इच्छाशक्ति प्रकट नहीं कर सकी। कानून के जानकार बताते हैं कि मुख्तार ने कानूनी दांवपेंचों का इस्तेमाल कर अदालत में खुद पर लगे आरोपों की पुष्टि की प्रक्रिया को बाधित और विलंबित करने में महारत हासिल की थी।

मुख्तार अंसारी: कानूनी प्रक्रिया में बदलाव

2017 में आई वर्तमान सरकार ने विशेष रूप से बड़े अपराधियों के खिलाफ अदालतों में सशक्त पैरवी करने का आदेश जारी किया। इस निर्देश के बाद ही अभियोजन विभाग ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ चल रहे मामलों में पैरवी को गति प्रदान की। पिछली सरकारों के दौरान, मुख्तार जेल में तो रहा, लेकिन उसका अपराधिक नेटवर्क कभी कमजोर नहीं पड़ा। कई गंभीर अपराध ऐसे भी थे जिनमें मुख्तार की संदिग्ध भूमिका थी, परंतु उसका नाम प्रकाश में नहीं आया। इन गंभीर मामलों में छुपे राज भी मुख्तार के साथ ही अनजान रह जाएंगे।

मुख्तार अंसारी के परिवार पर कानूनी मामले

  • मुख्तार अंसारी की पत्नी अफसा अंसारी के खिलाफ 11 विभिन्न मामले पंजीकृत हैं, जिनमें धोखाधड़ी और गैंगेस्टर एक्ट के तहत मुकदमे शामिल हैं। इनमें से तीन मामले अभी अदालत में विचाराधीन हैं, बाकी में पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल कर दिया है।
  • मुख्तार के बड़े भाई और पूर्व विधायक सिबगतुल्ला अंसारी पर तीन मामले दर्ज हैं, जिनमें से जानलेवा हमले और शस्त्र अधिनियम के तहत उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया है। एक अन्य जानलेवा हमले के मामले में गाजीपुर पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट पेश की है।
  • मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी के खिलाफ सात मामले दर्ज हैं, जिनमें से एक हत्या के मामले की जांच सीबीआई कर रही है। एक हत्या के मामले को खत्म कर दिया गया है।
  • मुख्तार के विधायक पुत्र अब्बास अंसारी के खिलाफ आठ मामले दर्ज हैं। हाल ही में, अब्बास की पत्नी निखत को चित्रकूट पुलिस ने अब्बास से गैरकानूनी तरीके से मिलने के लिए गिरफ्तार किया था। निखत के खिलाफ चित्रकूट में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आपराधिक षड्यंत्र के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।
  • मुख्तार के पुत्र उमर अंसारी पर धोखाधड़ी और अन्य आरोपों में छह मुकदमे दर्ज हैं।
  • मुख्तार अंसारी के परिवार द्वारा जताई गई आशंकाएँ
  • मुख्तार के नाना, ‘नौशेरा का शेर’ के नाम से प्रसिद्ध ब्रिगेडियर उस्मान मुख्तार अंसारी, 3 जुलाई 1948 को पाकिस्तान के साथ हुई जंग में शहीद हो गए थे और उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

परिवार ने लगाये गंभीर आरोप

मुख्तार अंसारी की सेहत में अचानक गिरावट आने पर जब उन्हें जेल से मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, उसी दौरान उनके भाई अफजाल और बेटे उमर अब्बास ने उनके मृत्यु की संभावना व्यक्त की थी। उन्होंने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये थे। अफजाल ने दावा किया कि उनके भाई की हत्या की सातवीं कोशिश की गई थी और 19 मार्च को उनके भोजन में जहर मिलाया गया था। इसके अतिरिक्त, बेटे उमर ने भी प्रशासन पर इल्जाम लगाते हुए कहा था कि उसे अपने पिता से मिलने या यहां तक कि शीशे से देखने तक की अनुमति नहीं दी गई थी।

Other Links –

Show Buttons
Hide Buttons