क्या है हसदेव अरण्य आंदोलन ? क्यों कट रहे पेड़ ? Hasdeo Forest News, Controversy


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छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य जंगल को काटने के खिलाफ जनता में एक विशेष प्रकार का आंदोलन चल रहा है, जिसके बारे में बहुत सारी बातें हो रही हैं। यह आंदोलन चिपको आंदोलन के साथ तुलना की जा रही है, क्योंकि इसमें भी पेड़ों की बचाव के लिए जनता जुटी है।

क्या है हसदेव अरण्य आंदोलन ? क्यों कट रहे पेड़ ? Hasdeo Forest News, Controversy
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हसदेव अरण्य आंदोलन क्या है ? What Is Hasdeo Arand Andolan ?

हसदेव अरण्य क्षेत्र के नीचे बड़ी मात्रा में कोयले का भंडार पाया गया है, जिसके चलते यहां परसा ईस्ट केते बासेन खदान बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। इस क्षेत्र में 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर के जंगल के क्षेत्र के पेड़ों की कटाई हो चुकी है, और ग्रामीण लोग इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, इस कटाई के बाद 23 कोल ब्लॉक बनाए जाएंगे, जिससे क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों को खतरा हो सकता है।

यह आंदोलन ग्रामीणों द्वारा पेड़ों की कटाई के खिलाफ 2 साल से चल रहा है, और इसे चिपको आंदोलन के साथ तुलना की जा रही है। चिपको आंदोलन की तरह, इस आंदोलन में भी पेड़ों की सुरक्षा के लिए लोग आगे आए हैं।

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इस हसदेव अरण्य क्षेत्र में गोंड, लोहार, और ओरांव जैसी आदिवासी जातियों के 10 हजार लोग निवास करते हैं। इसके अलावा, यहां 82 तरह के पक्षी, दुर्लभ प्रजाति की तितलियां और 167 प्रकार की वनस्पतियां हैं। जिनमें से 18 वनस्पतियां ऐसी हैं जो लुप्त होने की कगार पर हैं। इस क्षेत्र में हसदेव नदी भी बहती है और हसदेव जंगल इसी नदी के कैचमेंट एरिया में स्थित है, और इसलिए इसे मध्य भारत का फेफड़ा भी कहा जाता है। अगर इस पूरे जंगल को काट दिया जाता है, तो आने वाले समय में लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

इस प्रकार, हसदेव अरण्य आंदोलन ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों के साथ मिलकर जंगलों की बचाव के लिए लड़ रहा है, जो इस क्षेत्र के महत्व को समझते हैं और उसकी सुरक्षा के लिए आवाज उठा रहे हैं। इसके साथ ही, सरकारों को भी यह ध्यान में रखना चाहिए कि प्राकृतिक संसाधनों की खतरे में डालने के बजाय, उनके संरक्षण का सही समर्थन किया जाए।

FAQ –

1, हसदेव अरण्य क्षेत्र में कितने हेक्टेयर के जंगल के क्षेत्र की कटाई हो चुकी है?

उत्तर: 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर के जंगल के क्षेत्र में 137 एकड़ की कटाई हो चुकी है।

2, हसदेव अरण्य आंदोलन कब से चल रहा है?

उत्तर: हसदेव अरण्य आंदोलन 2 साल से चल रहा है।

3, हसदेव अरण्य क्षेत्र के कितने आदिवासी लोग निवास करते हैं?

उत्तर: हसदेव अरण्य क्षेत्र में गोंड, लोहार, और ओरांव जैसी आदिवासी जातियों के 10 हजार लोग निवास करते हैं।

4, हसदेव अरण्य क्षेत्र में कितने प्रकार की वनस्पतियां पाई जाती हैं?

उत्तर: हसदेव अरण्य क्षेत्र में 167 प्रकार की वनस्पतियां पाई जाती हैं, जिनमें से 18 वनस्पतियां लुप्त होने की कगार पर हैं।

5, प्रधान विषय क्या है जिस पर हसदेव अरण्य आंदोलन चल रहा है?

उत्तर: हसदेव अरण्य क्षेत्र के नीचे कोयले के खदान के विरोध में हसदेव अरण्य आंदोलन चल रहा है।

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